• Motivational Hindi Poetry,  Motivational Hindi Shayari

    Motivational hindi poetry for students,हार मान भी लूं

    Motivational Hindi poetry for students, हार मान भी लूं

    हार मान भी लूं
    पर फिर खुद की नजरों में क्या रह जाऊंगा ?

     

    गिर कर बिखर भी जाऊं
    पर फिर अपने आप को टूटता कैसे देख पाऊंगा ?

     

    थक कर कहीं रुक भी जाऊं
    पर फिर अपनी मंजिल तक कैसे पहुंच पाऊंगा?

     

    अपने सपनों को भुला भी दूँ
    पर फिर जिंदगी बिन मकसद कैसे जी पाऊंगा ?

     

    इस दुनिया के अनुसार बदल भी जाऊं
    पर फिर अपनी एक अलग पहचान कैसे बनाऊंगा?

     

    अपने दर्द को आंखों से बयां कर भी दूं
    पर फिर इस दुनिया से नजरे कैसे मिलाऊंगा?

     

    जिंदगी की उलझनों में उलझ भी जाऊं
    पर फिर किसी और की जिंदगी कैसे सुलजाऊंगा?

    -Avinash Shahi

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  • Motivational Hindi Shayari

    Motivational Shayari,रोशनी करना भी चाहते हो

    Motivational Shayari,रोशनी करना भी चाहते हो

     

    रोशनी करना भी चाहते हो
    और जलना भी नहीं चाहते !!

     

    आगे निकलना भी चाहते हो
    और गिरना भी नहीं चाहते!!

     

    निखरना भी चाहते हो
    और तराशे जाने से भी डरते हो!!

     

    रोशनी करना भी चाहते हो
    और जलना भी नहीं चाहते !!

     

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  • Emotional Hindi Poetry,  Emotional Hindi Shayari,  Motivational Hindi Shayari,  Romantic Hindi Poetry,  Romantic Hindi Shayari

    Love Poem in Hindi for Girlfriend, कुछ खोना भी चाहता था

    Love Poem in Hindi for Girlfriend, कुछ खोना भी चाहता था

     

    कुछ खोना भी चाहता था

    कुछ पाने के लिए !!!

     

    पीछे रहना भी चाहता था

    तुम्हारे साथ चलते रहने के लिए!!!

     

    रुकना भी चाहता था

    तुम्हें साथ चलते देखने के लिए !!!

     

    कुछ खोना भी चाहता था

    कुछ पाने के लिए !!!

     

    गिरना भी चाहता था

    कि तुम संभाल सको !!!

     

    रातों को तुम्हारी यादों में

    जागना भी चाहता था !!!

     

    तुम्हारे काबिल बनने के लिए

    इस जमाने से लड़ना भी चाहता था !!!

     

    कुछ खोना भी चाहता था

    कुछ पाने के लिए !!!

    -Avinash Shahi

     

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  • Hindi Poetry on Life
    Emotional Hindi Poetry,  Motivational Hindi Poetry

    Hindi Poetry on Life, तो क्या गलत है

    Hindi Poetry on Life, तो क्या गलत है

     

    किसी का रास्ता बन रहे हो 

    तो क्या गलत है

     

    किसी का कुछ दुख कम कर रहे हो 

    तो क्या गलत है

     

     कुछ अपने हिस्से की खुशी  बांटते हो

     तो क्या गलत है

     

    किसी के दुख में अगर तुम साथ हो तो 

    क्या गलत है

     

    किसी की मुस्कुराहट की वजह तुम हो 

    तो क्या गलत है

     

    अगर इस धूप में किसी की छांव हो 

    तो क्या गलत है

     

    क्या गलत है 

    सच कहने में 

     

    क्या गलत है 

    हर  हार से सीखने में 

     

    क्या गलत है 

    कुछ अधूरी ख्वाहिशों के साथ जीने में 

     

    क्या गलत है 

    कुछ अधूरा रहने में 

     

    क्या गलत है

             

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  • Emotional Hindi Poetry,  Emotional Hindi Shayari,  Motivational Hindi Poetry,  Motivational Hindi Shayari

    Hindi Poetry on Life,एक ख्वाब की बात करते हैं

    एक ख्वाब की बात करते हैं(Hindi Poetry on Life)

     

    अंधेरे से उजाले तक जाने की बात करते हैं

    इस जिंदगी की बारीकियों की बात करते हैं

    कुछ अपनी और आपकी बात करते हैं

    इस हार और जीत की बात करते हैं

    एक ख्वाब की बात करते हैं

     

    कुछ मुकम्मल ख्वाहिशों की बात करते हैं

    कुछ मंजिल की बात करते हैं

    इस प्यार और नफरत की बात करते हैं

    एक ख्वाब की बात करते हैं

     

    -Avinash Shahi

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  • Motivational Hindi Poetry

    Best Motivational Poetry,वह कहता रहा

    Best Motivational Poetry,वह कहता रहा

    वह कहता रहा
    यहाँ कामयाब होने के लिए बहुत कुछ गवाना पड़ता है
    अपने सपनों को भूल कर इस दुनिया के अनुसार चलना पड़ता है

     

    मैंने भी अपने सपनों की कीमत बढ़ा ली
    अपने अंदर की मासूमियत को दुनिया से बचाए रखा
    अपनी सादगी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया !!!!!

     

    …………………….

    वह कहता रहा
    आ जाओ मेरी छांव में
    तुम्हारी तकलीफ कम हो जाएगी
    हर चीज की कीमत है
    तुम अपनी कीमत बताओ ??

     

    मैंने भी अपने जख्मों को देखा
    और मुस्कुरा कर कहा
    यहां आगे बढ़ने का जज्बा और जिंदगी का यह तजुर्बा
    आसान रास्तों पर चलकर नहीं मिलता
    ना तुम्हारी परछाई में आगे बढ़ कर मिलता

     

    हर चीज की कीमत है
    पर मेरे जमीर पर सिर्फ मेरा हक है
    मेरे यह सपने किसी बंधन के मोहताज नहीं
    …………………….

    वह कहता रहा…. वह कहता रहा …..
    और मुझे गिराने की कोशिश में नाकामयाब होता रहा…होता रहा…

     

    मेरे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं था
    ना ही लोगों का हुजूम था मेरे साथ
    जो मेरी रफ्तार कम करता

     

    “मैं अकेला था “
    यह लड़ाई भी मेरी खुद से थी और जितना भी मैं खुद ही से चाहता था

     

    -अविनाश शाही

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